चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: इस दीवाली ट्राईसिटी में रोशनी के साथ-साथ आसमान पटाखों की आवाज़ों से भी गूंजेगा, क्योंकि अनुमान है कि लोग इस बार करीब 300 करोड़ रुपये के पटाखे उड़ाएंगे। चंडीगढ़ प्रशासन ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी है और पटाखा विक्रेताओं को लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि सिर्फ ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की अनुमति दी गई है, जबकि ऑनलाइन पटाखा बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है।
प्रशासन ने नियम तय किए हैं कि लोग दीवाली की रात सिर्फ दो घंटे — रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे चला सकेंगे। इस बार पटाखा बाजारों को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। शहर के 11 सेक्टरों में 95 साइटों पर स्टॉल लगाने की मंजूरी दी गई है। वहीं, ट्राईसिटी का सबसे बड़ा पटाखा बाजार कुराली में लगने वाला है, जहां सबसे ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, ग्रीन पटाखों को नेशनल एनवायरनमेंटल एंड इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) ने विकसित किया है, जो पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। हालांकि, इस बार जिन जगहों पर साप्ताहिक मंडियां लगती थीं, वहां अब पटाखा स्टॉल के लिए जगह आरक्षित की गई है और मंडी नहीं लगेगी, ताकि अव्यवस्था न हो।
शहर में पटाखा बिक्री के लिए तय की गई जगहों में रामदरबार कार बाजार स्थल, सेक्टर-24 वाल्मीकि मंदिर के पास, सेक्टर-28 गुरुद्वारे के पास, सेक्टर-29 पंप के पास, सेक्टर-30 आरबीआई कॉलोनी, सेक्टर-33 चौंक, सेक्टर-37 मंदिर, सेक्टर-4 हनुमतधाम मंदिर, सेक्टर-43 दशहरा ग्राउंड, सेक्टर-46 चौक और सेक्टर-49 रयान स्कूल के पास शामिल हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि पटाखे सिर्फ इन्हीं जगहों से खरीदे जा सकेंगे — ऑनलाइन या अवैध रूप से पटाखे बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।